Fear Aur Dar Ko Kaise Jeetein – Tantrik Upay & Divya Sadhana - An Overview

Wiki Article



ध्यान से मन की चंचलता कम होती है और अंदर का डर धीरे-धीरे शून्य होने लगता है।

अंत में, एक कुत्ते के नजदीक जाएँ और थोड़ी देर के लिए उसके साथ खेलें।

नियमित योग अभ्यास आत्म-नियंत्रण, एकाग्रता और साहस को बढ़ाता है।

ध्यान-साधना हमारे मन को शांत करते हैं और किसी भी परिस्थिति का सामना करने की शक्ति देते हैं। यह हर उस व्यक्ति के लिए उत्तर है जिनका प्रश्न है कि मन के डर को कैसे निकालें। 

अपने डर को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप देखें और जानें कि आपको सबसे ज्यादा डर किस सिचुएशन में लगता है। उदाहरण के लिए, यदि आप मकड़ियों से डरते हैं, तो बिना डरे लगातार उनकी तरफ देखें। अगली बार, आप इसे छूने की कोशिश कर सकते हैं और फिर आखिर में, इसे अपने हाथ में पकड़ सकते हैं। एक बार जब आप इन सभी स्टेज को पूरा कर लेंगे तो आपके लिए यह संभव है कि आप उन सभी चीजों से दूर हो जाएं जिनसे आप डरते हैं।

जब आप विचारों को खुद से जोड़ना छोड़ देते हैं तब आप यह जान जाएंगे किसी भी विचार में आपको विचलित कर देने लायक भी शक्ति नहीं होती है। यहां नेगेटिव विचारों को अवसर की तरह देखे, जब भी निगेटिव विचार आए तो तुरंत सकारात्मक विचार से उन्हें बदलते रहें और इसकी आदत बना ले, आप देखेंगे बुरे और नेगेटिव विचार धीरे-धीरे कम होने लगे हैं

जिस वजह से उसके अन्दर से ख़ुशी गायब और तरह तरह के डर पनपने शुरू हो जाते हैं. डर और गलत काम का बहुत ही गहरा सम्बन्ध है. अगर आप कोई भी गलत काम नहीं करते, मेहनत और इमानदारी के साथ जीते हैं तो यकीन मानिए आप हमेशा निर्भीक रहेंगे.

केवल डर की प्रतिक्रियाओं को हि नहीं बल्कि आपको किन किन चीजों, लोगो या परिस्थितियों से डर लगता है इसकी सूची पहले बना ले। फिर जब कभी आप इस तरह की परिस्थिति का सामना करने में फंस जाएं तो खुद को याद दिलाए आपको इससे डर लगता है और खुद को शांत बनाए रखने का प्रयत्न करें।

कपालभाति के चमत्कार – फायदे, नुकसान और कपालभाति प्राणायाम का सही तरीका

पर्सनलाइज्ड कंटेंट, डेली न्यूजलैटरस साइन अप

उम्मीद है कोशिश करने से हर मसले का हल निकल ही जाता है.

अधिकतर लोग जीवन में हार के डर से बहुत से काम नहीं कर पाते हैं। सबसे पहले आपको इस बात को समझना होगा कि हर बार होने वाली हार आपको नया एक्सपीरिएंस देकर जाती है। हार की बदौलत आप कुछ नया सीख पाते हैं। जो आगे बढ़ने में आपकी मदद करता है। हार और जीत सिक्के के वो दो पहलू है, जो आपकी लाइफ को बैंलेंस करते हैं।अगर आप हर बार जीतेंगे, तो जीत को स्वाद और हार का सबक दोनों से ही वंचित रह जाएंगे।

उत्तर: नहीं। डर से भागने की बजाय उसका सामना करना ही समाधान है।

डर के स्रोत को समझें: क्या यह कुछ स्पष्ट है, जैसे किसी पगडंडी पर सांप का दिखाई देना? हो सकता है कि करियर काउंसलर के ऑफिस के दरवाजे के सामने से गुजरना आपके मन को वापिस उसी तरह की स्थिति में click here ले जाता है, जैसा आप अपने हाई स्कूल के कॉरीडोर से गुजरते समय महसूस करते थे। अपने डर के हर संभावित कारण का पता लगाएं। आप अपने डर को जितना अधिक समझेंगे, आपके लिए उतना ही बेहतर होगा।

Report this wiki page